मानवता एक सागर की तरह है, यदि सागर की कुछ बूंदे खराब हैं तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता है। – मोहनदास गांधी
कहा गांधीजी ने, कुछ लोगो ने साबित किया । इसमें मनोज बाजपाई और उनके मित्र की कर्ज़े की बात हो या फिर बिज़नेस राइवल कंपनी ने कोरोना काल में जीता लोगो का दिल। ये सब जानेंगे आज के इस ब्लॉग में ।
वैसे तो इस एक सुविचार में पूरा मर्म समाया है । लेकिन यह ब्लॉग लिखने का कारण क्या है और उसका उदहारण क्या है। यही बस कहना है, कुछ किस्से , ख्याल और बातें हैं, जो आपसे करनी है । हम लोग सोशल मीडिया पर क्या क्या पोस्ट नहीं करते, कभी अपनी तसवीरें , कभी कोई क्वोट , कभी कोई जोक , कभी सफर की बातें या हमसफ़र से मुलाक़ातें । सब कुछ हम सोशल मीडिया पे पोस्ट करते हैं ।
सोशल मीडिया एक अभिशाप या एक वरदान ? इस्पे पूरी चर्चा अलग से की जा सकती है ।
वैसे तो जोक की तरह पढ़ा था, पर कितनी सचाई है इस बात में के
जिस फ़ोन को स्कूल में लाने तक की मनाई थी , जो माँ बाप / टीचर्स यह कहते थे के बच्चो को मोबाईल नहीं देने चाहिए । आज उन बच्चो की सारी पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है ।
बदलाव संसार का नियम है । हम लोग या तो काफी अरसे तक बदलाव स्वीकार नहीं कर पाते या फिर बहोत जल्दी उसमे ढल जाते हैं ।
हाल ही में चर्चित बाबा का ढाबा का किस्सा तो पता ही होगा आपको ?
नहीं पता तो मैं संक्षिप्त में बता दू ,
गौरव वसन नाम के एक ब्लॉगर ने दिल्ली के एक बहोत ही छोटे से ढाबे का एक वीडियो बनाया ,
जिसमे उसके मालिक की रोने जैसी सूरत थी । कोरोना की वजह से लोग बहार नहीं निकल रहे थे, बहार का खाना नहीं खा रहे थे ।
उस ढाबे के मालिक बुज़ुर्ग दम्पति थे और वो वीडियो खूब वाइरल हुआ , पे टी एम् और गूगल पे पर लोगो ने डोनेशंस भेजे । अगले दिन भीड़ लग गयी बाबा का ढाबा पर। उस भीड़ की तसवीरें भी खूब चर्चित रहीं, लोगो ने बहोत सराहा गौरव के इस काम को जिसकी वजह से यह सब हुआ ।
उसके बाद तो वहां ज़ोमैटो /पेप्सी जैसी कंपनियां अपने नाम के विज्ञापन के साथ भी पहोच गय
फिर यह विवाद हुआ के गौरव ने बाबा के साथ छल किया। उनके नाम से लोगो से चंदा लिया पर उन्हें पूरा हिसाब नहीं दिया। गौरव ने अपनी और से सफाई दी के उसके पास एक-एक पाई की स्टेटमेंट है । उसके बाद तो लोगो ने सोशल मीडिया पर अपने अपने शहर के ऐसे ठेले वालो की तसवीरें पोस्ट की और बाकी लोगो को बताया ताकि थोड़ी बहोत ही सही उनको मदद मिल सके ।
वैसे देखा जाए तो कोई भी काम छोटा नहीं होता । पर कुछ लोग बहोत खुद्दार होते हैं । जरुरी नहीं हम उनसे सामान खरीद कर ही उनकी मदद कर सकते हैं , हम उनके बारे में दो-चार लोगो को बता के भी उनकी छोटी सी मदद कर ही सकते हैं ।
और ये एक इंसानियत का ऐसा काम है के जिससे उनकी खुद्दारी भी बरक़रार रहे और लोगो की अपनी जरूरतें तो है ही ।
एक बहोत ही तरो ताज़ा और हाल ही में चर्चित किस्सा है ।
अमेरिका के क्लीवलैंड के “नाईट टाउन ” रेस्टोरेंट का किस्सा ।
कोरोना के चलते रेस्टोरेंट काफी दिनों तक बंध रहा , जब खुला तो
ये फैसला किया गया के रेस्टोरेंट को अब बंध किया जाएगा । उसमे एक अनजान शख्स, जिसने वहां पर सात डॉलर की एक बियर आर्डर की और बियर पीने के बाद टिप में तीन हजार डॉलर टिप दे दी । यानी तकरीबन दो लाख रुपये, महज़ पांच सौ रूपए की बियर के साथ । जब उस रेस्टोरेंट के मालिक को पता चला, तो वो उस शख्स के पीछे पीछे गए और पूछा , शायद हो सकता है गलती से इतनी टिप दे दी हो । तो उस शख्स ने जवाब में कहा ,नहीं गलती से नहीं दी है । आप रेस्टोरेंट बंध मत करिये , मैं फिर कभी आऊंगा ।
मैं ये नहीं कहता के अपनी जेबें फाड़ के दुसरो की जेबें भरे । पर इतना तो कर ही सकते हैं , के अपने दोस्त – रिश्तेदार जिनका नया स्टार्ट – उप है , जो छोटा मोटा व्यापार घर से करते हैं । पार्ट टाइम करते हैं , जरुरी नहीं के आप के दोस्त, रिश्तेदार में से ही हो , वो आम दुकानदार भी हो सकते हैं या जैसे मैं जानता हूँ कुछ गृहणियां घर से कुर्ती / सूट बेचने का काम करती है । कुछ खाने पिने की कोई आईटम बनाने का , किसी का घर से होम मेड चॉकलेट्स का काम होता है ।
ज्यादा कुछ न कर सको तो अपने व्हाट्सअप /फेसबुक सोशल मीडिया पर स्टोरी के तौर पे ही सही , उन्हें और उनके काम को प्रमोट करो । उनका प्रोत्साहन किया करो । हो सकता है आपको उनके किसी सामन की अभी जरुरत नहीं , पर क्या पता, आपकी व्हाट्सप्प स्टोरी देख के कुछ लोग उनसे कुछ खरीद लें । जिसमे आपके पैसे भी नहीं लगने और आपने सामने वाले की मदद भी कर दी,
उसकी खुद्दारी भी बरकार रही । कम से कम इतना तो हमारे हाथ में है ही।
बर्गर किंग और मैक डॉनल्ड्स – इन दोनों कंपनियों में चाहे कितनी भी प्रतिस्प्रधा हो । लेकिन इनके एक कदम ने मानवता का एक बेहद उम्दा मिसाल दिया है ।
बर्गर किंग यूके ने अपने सोशल मीडिया पे पोस्ट करने के आलावा
एक नोटिस अपने हर फ्रैंचाइज़ी पर लगवाया के, Buy From McDonald’s Also…
‘हमने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन हम आपको ऐसा करने के लिए कहेंगे. हमने कभी नहीं सोचा था कि हम आपको पिज़्ज़ा हट, केएफसी, डोमिनोज, मैकडॉनल्ड या दूसरे फास्ट फूड चेन से खाना ऑर्डर करने के लिए कहेंगे. हमने कभी नहीं सोचा था हम आपको ऐसा करने के लिए कहेंगे, लेकिन दुनिया भर में अलग-अलग रेस्टोरेंट में काम करने वाले हजारों लोगों को आपकी मदद की जरूरत है.’
जब सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धी कंपनी के लिए ऐसा किया जा सकता है ।
तो आप तो अपने दोस्त , रिश्तेदार या कोई ऐसे जरूरतमंद जिन्हे बस एक पुश की जरुरत है।
उनके काम की सरहाना करके , उनके प्रोडक्ट या केवल पोस्टर तो आप अपने व्हाट्सप्प / इंस्टा स्टोरी / फेसबुक पर पोस्ट कर ही सकते हैं ।
एक आखरी किस्सा,
मनोज बाजपाई जब अपने शुरुआती थिएटर के दिनों में संघर्ष कर रहे थे।
तब वो दिल्ली में रहते थे , उनका छोटा भाई भी दिल्ही में पढ़ने आ गया था और
दोनों एक किराये के रूम में रहते थे ।
मनोज बाजपाई जी के एक बहोत अच्छे दोस्त है अशोक पूरन जी ,
जो के वहीँ दिल्ही में ही नौकरी करते थे ।
उन्हें पता था के मनोज के संघर्ष के दिन हैं, ऐसे में जेबें खाली होती है ।
एक दिन हुआ यूँ के अशोक पूरन जी मनोज के रूम पे गए ,
पर मनोज बाजपाई कहीं बहार गए हुए थे । उनके छोटे भाई से अशोक जी की मुलाक़ात हुई ।
अशोक जी ने मनोज के छोटे भाई को 600 रुपये दिए और कहा के , यह मैंने मनोज से कर्ज़ा लिया था ,वो आये तो उसे दे देना ।
जब शाम को मनोज घर आये तो उनके छोटे भाई ने उनसे कहा के ,
भइया आपके पास इतने पैसे कहाँ से आये ? और आप उनको कर्ज़ा दे दिए ?
यहाँ हम लोगो ने इतने दिनों से मटन नहीं खाया है , और आप 600 रुपये कर्ज़ा दे दिए ।
दरअसल ये अशोक पूरन जी का एक तरीका था , बिना उनके छोटे भाई को जताये
मनोज की मदद करने का ।
इन सारे किस्सों और बातों से कहने का सीधा सरल अर्थ इतना ही है ,
के तरीके तो बहोत है , बस किसी को बिना किसी स्वार्थ के मदद करने की वो नियत होनी चाहिए ।
अंत में राज कपूर साहब की अनाड़ी फिल्म से शैलेन्द्र जी के शब्दों से अपनी बात पूरी करूँगा ।
रिश्ता दिल से दिल के ऐतबार का
ज़िन्दा है हमीं से नाम प्यार का
के मर के भी किसी को याद आयेंगे
किसी के आँसुओं में मुस्कुरायेंगे
कहेगा फूल हर कली से बार बार
जीना इसी का नाम है
- दिलीप रंगवानी ( टीम फ्लेशबैक स्टोरीज़ )
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Vaibhav mandre
Absolute story sir, loved to read them, keep writing 🤩
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Thank You Vaibhav 🙂
Anchal Choudhary
Very nice👌👌
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Thank you 🙂
Varsha bhatia
Very very nice 👌👌Dilip Rangwani main janti hoo bachpan se hi aap ke dil main garibo our jarooratmando ke liye madad kerne ki bhawna hai, jo sab ke ander nahi hoti.social media se aapne logon ko jo massage diya hai vo kable tarrif hai,Bhagwan se mere Prarthna hai🙏Aapko achhi sehat bakhshe, aapke pariwar ko barkat bakshe ki aap tan , man, Dan, se sab ki help ker sake.god bless you more and more 👍😘
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Thank you maasi 🙂
jo kuchh seekha hai , aap bado se seekha hai 🙂
Vishal
Amazing Dilip sir
Big fan ❤️❤️
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Thank you vishal ❤️
Vishal
Very Nice RD Bhai
Keep Writing
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Thank you chaudhary 🙂
Rahul Pandey
Amazing Message For World Brother 😊❤️
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Thank you rahul❤️
Meet dalwani
Excellent message n very nice way to remind all of us humanity is always up from any thing else 👏👏🙏🙏
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Thank you 🙂
Poorva
Superb…
So much positivity 😌😌
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Thank you poorva 🙂
Ruchita Jain
This is so beautiful!!! Thank you for writing.
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Thank You Ruchita 🙂