यहाँ आज के ब्लॉग मे
मैं जो बात… आज करने वाला हूँ
वो दो अलग-अलग incidents है
वैसे तो यह दोनों घटनएं बहोत आम है
लेकिन मुझे लगा शायद इसके बारे में कुछ लिखना चाहिए
उनमे से एक है
अभी कुछ दिन पहले…
मेरी मौसी एक रिक्शा से कहीं जा रही थी
जब वो अपनी मंज़िल पे पहुंची तो
उस ऑटो वाले को किराया देने के लिए अपना फोन
जो उनके हाथ में ही था… साइड में सीट पर रखा
और अपने पर्स में से किराया दिया और चले गए
निचे से लिफ्ट में चौथे मंज़िल पर पहुंचते ही उन्हें ख्याल आया की
मोबाईल तो निचे रिक्शे के सीट पर रह गया
निचे आयी वापस तब तक रिक्शा जा चूका था
किसी और के नंबर से अपने नंबर पे फोन मिलाया तो
पहली बार घंटी पूरी भजी
दूसरी बार से फ़ोन स्विच ऑफ हो गया और इस तरह से उन्होंने अपना फ़ोन खो दिया
अब दूसरी घटना अभी की ताज़ी ताज़ी
जिसका साक्षी में खुद भी हूँ
हुआ यूँ के …
अभी हाल ही में
मेरे पिताजी दुबई से अहमदाबाद की इंडिगो फ्लाइट में अहमदाबाद आये
क्यूंकि फ्लाइट रात की थी… घर आते आते उन्हें रात के लग-भाग 1 बज गए
सुबह जब बैग खोल के देखा
तो जो उनका हैंड बैग था उसमे से कुछ सामान
missing था
क्यूंकि हैंड बैग पे ताला नहीं था
( कोई लगाता नही अमूमन
क्यूँकि hand bag हाथ में होता है
आने जाने में )
बाकि के दो main luggage तो लॉक्ड थे
मैं और मेरे पिताजी
हम दोनों तुरंत उस बैग को वापस पैक करके
पापा का पासपोर्ट और बोर्डिंग कार्ड लेके एयरपोर्ट गए
वहां से हमें एयरपोर्ट टर्मिनल मैनेजर से जो जानकारी मिली
उन्होंने कहा के आप एयरलाइन्स से बात करिये
वो आपको आपका बैग ढूंढ़ने में मदद करेंगे
पिताजी ने बताया के उन्हें शक है के अहमदाबाद लैंड होने के बाद
x ray – machine की चेकिंग के दौरान ही कुछ हुआ है
जब हमने CCTV footage देखने की बात की
तो जो मैनेजर थे… उन्होंने कहा के
उसके लिए हमे एक FIR फाइल करना रहेगा
उसकी कॉपी से वो हमे CCTV का एक फॉर्म देंगे
फिर वो अपनी उच्च अधिकारी से दस्तखत करवाके
हमे टाइम बताएँगे के कब हमे CCTV देखने मिलेगा
( थोड़ा लम्बा प्रोसेस था )
हम बगल में ही एयरपोर्ट पोलिस स्टेशन गए
और एक complaint लिख के दी
उसी दौरान मेरे बड़े भैया का फोन आया दुबई से
क्यूंकि उन्होंने ही बैग पैक करने में पापा की हेल्प की थी
उन्होंने कहा इतना सारा सामन
जैसे के लेडीज ड्रेसेस / कैमरा का लेंस / मेंस शर्ट्स सब का सब निकल देना मुश्किल है
आप चेक करिये हो सकता है आपका बैग किसी एक ही रंग के उसी तरह के bag
से कही अदला बदली तो नहीं हो गया
फिर पापा ने जब देखा तो
उसपे एक टैग लगा था
टैग हमेशा main luggage पे लगता है
hand luggage पर नहीं
टैग से नाम मिट चूका था पर एक नंबर लिखा था
हम एयरलाइन्स के पास गए
ऑफिस में उनके अधिकारी ने कहा के
क्यूंकि हमारा हैंड बैग है
तो हैंड बैग की जवाबदारी यात्री की है
एयरलाइन्स वालो की नहीं
अभी आप अंदाजा लगा रहे है
के आपके पास जिनकी बैग है
उनके पास आपकी बैग होगी या होनी चाहिए
surety नहीं है
आप एक काम करिये कस्टम डिपार्टमेंट में पूछिए के कल रात की फ्लाइट से कोई बैग claimant में हैं क्या
उनके पास
अगर नहीं तो फिर अब वो बैग या तो वही यात्री या तो कोई और यात्री लेके गया है
उसके लिए वही CCTV का procedure आपको फॉलो करना रहेगा
तब तक उन्होंने हमारी तस्सली के लिए हमारे पास जिस यात्री का बैग था उसमे लगे टैग पे लिखे PNR नंबर से
यात्री की डिटेल्स निकाल कर हमें दी
जिसमे दुबई के ट्रेवल एजेंट की एड्रेस और इ-मेल ID थी
और यात्री का एक दुबई का नंबर
वो नंबर मैंने मेरे भइया भाभी को दिया
उन्होंने संपर्क किया
और वहां से उसी यात्री का यहाँ का लोकल नंबर मिला
और उनसे मैंने बात की
तो उन्होंने कहा हाँ
हमारा बैग उनके पास है
हमने उन्हें बताया के आपका बैग हमारे पास है
और उनसे संपर्क करके
फिर सिटी में जाके हमारा बैग उनसे लेके उनका बैग उन्हें दे दिया
तो अब मुझे जो बात केहनी है या जो आप लोगो से साँझा करनी है वो यह की
कभी ज़िन्दगी में ऐसा मोड़ आये तो आप इंसानियत का रास्ता चुनियेगा
उसी तरह जैसे उन मोहतरमा ने
चुना
वैसे तो कोई लाखो रुपये का सामान नहीं था हमारे बैग में
पर क्यूंकि मेरे बड़े भइया ने मेरे लिए एक कैमरा लेंस as a gift
भेजा था तो मेरे लिए वो 8000 का लेंस किसी लाखो रुपये की वस्तु से कम नहीं
और यहाँ बात पैसो की नहीं
इंसानियत की है
एक खास thank you note उस यात्री के लिए जिनका बैग हमारे बैग से बदल गया
Ma ‘ am you have given lesson of
Humanity to me and everyone
Who is reading this story/blog
Thank you 😊
So moral is
Choice is yours
What you choose
And what you choose
Is makes you what you are
कभी आपके साथ ऐसा हो तो ? … ( incase )
So choose
Simply to be human
– Dilip Rangwani
( Team Flashback Stories )