मानवता एक सागर की तरह है, यदि सागर की कुछ बूंदे खराब हैं तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता है। – मोहनदास गांधीकहा गांधीजी ने, कुछ लोगो ने साबित किया । इसमें मनोज बाजपाई और उनके मित्र की कर्ज़े की बात हो या फिर बिज़नेस राइवल कंपनी ने...
Read moreउड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा मेंफिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते– बशीर बद्र बात नब्बे के दशक की है , जिसको मैंने अपने बचपन में जिया है । उससे पहले कुछ यादें कुछ बातें… ( Image credit: reddit ) “जब पहले बॉल पे आप आउट...
Read moreयहाँ आज के ब्लॉग मे मैं जो बात… आज करने वाला हूँ वो दो अलग-अलग incidents है वैसे तो यह दोनों घटनएं बहोत आम है लेकिन मुझे लगा शायद इसके बारे में कुछ लिखना चाहिए उनमे से एक है अभी कुछ दिन पहले… मेरी मौसी एक रिक्शा से कहीं...
Read moreલખો, લખો કે છે તમને તો ટેવ લખવાની, બધાં તમારા આપઘાતના હિસાબ લખો આ કાળા પાટિયાનો ખોફ કેમ રાખો છો? તમે સમર્થ છો, લ્યો ચોક, ‘આફતાબ’ લખો. રમેશ પારેખ અમે જ્યારે Flashback Stories મા Pen, Poetry, Mic ની શરૂઆત કરેલી ત્યારથી રમેશ પારેખની આ પંક્તિઓ ધ્રુવ તારાની માફક...
Read moreFlashback Stories was initially started for funny videos, ads & short films. Later we started open mic events& Creative Writing Workshop generally poetry / story telling / singing / stand up comedy all mixed up in one open mic event happening across the country.