By: Flashback Stories On: April 04, 2021 In: Blog Comments: 0

ગયા અઠવાડિયે આપણે હિંદી સાહિત્યના અગ્રગણ્ય સર્જક, જનઆંદોલનના પ્રમુખ અવાજ અને જનકવિનું બિરુદ પામનારા બાબા નાગાર્જુન વિશે તેમના બાળપણથી લઈને શ્રીલંકામાં તેમણે મેળવેલી બૌદ્ધ ધર્મ ની શિક્ષા અને દીક્ષા, ભારત પાછા આવી સામાજિક નિસ્બતના વિષયોમાં આગળ પડતો ભાગ લેવા સુધીની યાત્રા અને તેમની રચેલી સશક્ત રચનાઓ જોઈ જેમાં દેશમાં...

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By: Flashback Stories On: December 01, 2020 In: Blog Comments: 18

मानवता एक सागर की तरह है, यदि सागर की कुछ बूंदे खराब हैं तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता है। – मोहनदास गांधीकहा गांधीजी ने, कुछ लोगो ने साबित किया । इसमें मनोज बाजपाई और उनके मित्र की कर्ज़े की बात हो या फिर बिज़नेस राइवल कंपनी ने...

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By: Flashback Stories On: April 29, 2019 In: Blog Comments: 0

यहाँ आज के ब्लॉग मे मैं जो बात… आज करने वाला हूँ वो दो अलग-अलग incidents है वैसे तो यह दोनों घटनएं बहोत आम है लेकिन मुझे लगा शायद इसके बारे में कुछ लिखना चाहिए उनमे से एक है अभी कुछ दिन पहले… मेरी मौसी एक रिक्शा से कहीं...

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By: Flashback Stories On: November 10, 2018 In: Blog Comments: 4

लगान मूवी का वो डायलॉग याद है ? तीन गुना लगान देना पड़ेगा ?? आप सभीने ये डायलॉग देखा होगा और मेरी तरह उस accent में बोलने की कोशिश भी की होगी मेरे पिताजी एक कहवत की लाइन अक्सर कहते है जो बोये पेड़ बबुल के… तो आम कहा...

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